Millions of books in English, Spanish and other languages. Free UK delivery 

menu

0
  • argentina
  • chile
  • colombia
  • españa
  • méxico
  • perú
  • estados unidos
  • internacional
portada Gyarah Kkahaniyan: Premchand
Type
Physical Book
Language
Hindi
Pages
114
Format
Paperback
Dimensions
21.6 x 14.0 x 0.7 cm
Weight
0.15 kg.
ISBN13
9789356821675

Gyarah Kkahaniyan: Premchand

Premchand (Author) · Prabhakar Prakashan · Paperback

Gyarah Kkahaniyan: Premchand - Premchand

Out of Stock

Synopsis "Gyarah Kkahaniyan: Premchand"

हिन्दी साहित्य के सम्राट प्रेमचंद की रचनाएँ सचमुच ही अपने आप में अद्भुत रोचकता और भावनाओं को समेटे हुए हैं। उनकी लेखनी से उद्धृत प्रत्येक वाक्य उस वर्तमान समय की कसौटी पर खरा उतरता है। उनकी रचनाएँ बेहद सरल और सौम्य भाषा में हैं। प्रत्येक रचना पाठक के अंतरंग मन को छू जाती हैं। प्रेमचंद केवल एक मनोरंजक लेखन ही नहीं, अपितु वे हिन्दी और उर्दू भाषा में अपनी दक्षता के लिए भी प्रसिद्ध हैं। यूँ तो उनकी प्रत्येक रचना पाठक के लिए अद्भुत है, परन्तु कुछ रचनाएँ अपनी अमर छाप छोड़े हुए हैं जैसे- 'बूढ़ी काकी' हमारे समाज में बुर्जुगों के साथ हो रहे अपमानजनक व्यवहार को प्रकट करती है। इसी तरह 'समस्या', 'सवा सेर गेहूँ', 'बड़े भाई साहब' 'ईदगाह' कहानी एक ऐसे बाल मन को पाठक तक पहुँचाती है, जो उम्र में है तो छोटा-सा पर विचारों से वह इतना बड़ा है कि अपनी उम्र से ज़्यादा के बालकों को भी अपनी सोच-विचार का दीवाना बना लेता है। और अपनी इच्छाओं को एक तरफ़ कर अपनी पालनकर्ता की जरूरत को पूरा करता है। इसी तरह प्रेमचंद द्वारा रचित कहानी 'पूस की रात' में जहाँ एक ओर किसान की समस्याओं को दर्शाया गया है वहीं एक अमुख जानवर का मनुष्यों के प्रति प्रेम को भी दिखाया गया है। इस प

Customers reviews

More customer reviews
  • 0% (0)
  • 0% (0)
  • 0% (0)
  • 0% (0)
  • 0% (0)

Frequently Asked Questions about the Book

All books in our catalog are Original.
The book is written in Hindi.
The binding of this edition is Paperback.

Questions and Answers about the Book

Do you have a question about the book? Login to be able to add your own question.

Opinions about Bookdelivery

More customer reviews