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Mahabharat Ke Amar Paatra - Duryodhan (in Hindi)
Dr Vinay
Synopsis "Mahabharat Ke Amar Paatra - Duryodhan (in Hindi)"
दुर्योधन हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्रें में सबसे बड़ा पुत्र था। जब पाण्डु की पत्नी कुन्ती को पहले संतान हो गई और उसे माँ बनने का सुख मिल गया, तब गांधारी को यह देखकर बड़ा दुःख हुआ कि अब उसका पुत्र राज्य का अधिकारी नहीं बन पायेगा। यह सोचकर उसने अपने गर्भ पर प्रहार करके उसे नष्ट करने की चेष्टा की। गांधारी के इस कार्य से उसका गर्भपात हो गया। महर्षि व्यास ने गांधारी के गर्भ को एक सौ एक भागों में बाँट कर घी से भरे घड़ों में रखवा दिया, जिससे सौ कौरव पैदा हुए। सबसे पहले घड़े से जो शिशु प्राप्त हुआ था, उसका नाम दुर्योधन रखा गया। दुर्योधन स्वभाव से बड़ा ही हठी और दुष्ट था। वह पाण्डवों को सदैव नीचा दिखाने का प्रयत्न करता और उनसे ईर्ष्या रखता था। उसके दुष्ट स्वभाव के कारण ही 'महाभारत' का युद्ध हुआ।